2023 की शुरूआत अरबपति गौतम अडानी के लिए बहुत ही ख़राब साबित हुई। एक हफ़्ते में एक रिपोर्ट ने उन्हें अर्श से फर्श तक पहुंचा दिया। अडानी ग्रुप के कंपनियों के शेयर धड़ाम से नीचे गिर गए। इतना ही नहीं वह अमीर व्यक्तियों की लिस्ट में भी खिसक गए हैं।
उन्हें भारी loss का तगड़ा झटका लगा है।
आइए जानते हैं कि आखिर ये हुआ कैसे ?
कैसे एक रिपोर्ट ने उनकी किस्मत बदल दी ।
दरअसल ये सब कुछ हुआ है America की short seller company हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद।
रिपोर्ट में उनके ऊपर कई आरोप लगे हैं
इस रिपोर्ट की वजह से कई कंपनियों ने अपने हाथ पीछे खींच लिया है और बैंक उनसे सवाल पूछ रहे हैं।
अमेरिकी इन्वेस्टमेंट रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) की एक रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप को हिला कर रख दिया है। रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। समूह ने शेयरों में फेरबदल किया और ऑडिट में कथित अनियमितताएं कीं।
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में दावा किया गया कि अडानी ग्रुप कई सालों से स्टॉक मैनिपुलेशन (शेयरों में धांधली) और अकाउंटिंग फ्रॉड में शामिल है। यह भी कहा गया कि अडानी समूह ने टैक्स हैवेन्स में कंपनी खड़ी करने की सुविधा का नाजायज फायदा उठाया है। ये भी कहा गया कि अडानी की कंपनियों पर ढेर सारा कर्ज है जो पूरे ग्रुप को जोखिम वाली स्थिति में डालता है।

हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदानी समूह की घुड़दौड़ को इतिहास का सबसे बड़ा कॉर्पोरेट घोटाला (corporate Scam) करार दिया है।
इस रिपोर्ट के आने के बाद 25 जनवरी को ही अडानी समूह की कंपनियों का मार्केट कैप एक लाख करोड़ कम हो गया था । कहा जा रहा है कि इसके बाद 27 जनवरी को अडानी ग्रुप के 10 शेयरों का मार्केट कैप 19 लाख 20 हजार करोड़ से 12 फीसदी गिरकर 16.83 लाख करोड़ हो गया है ।
कुल मिलाकर देखें तो ग्रुप का ओवरऑल 9 लाख करोड़ या फिर 40-50% हिस्सा मार्केट कैप से खत्म हुआ है।
अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को खारिज किया और इसे FPO के खिलाफ साजिश बताया। ग्रुप की सफाई कोई असर नहीं दिखा सकी, 27 जनवरी को मार्केट खुले और अडानी के शेयर डगमगाते ही दिखे। ब्लूमबर्ग की मानें तो गुरुवार तक अडानी ग्रुप का 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा मार्केट कैपिटल डूब चुका है।
29 जनवरी को अडानी ग्रुप ने बयान जारी कर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का भारत पर सोचा समझा हमला बताया। और लीगल एक्शन लेने की धमकी दी। हालांकि हिंडनबर्ग ने कहा कि ग्रुप रिपोर्ट के ज्यादातर सवालों का जवाब देने में नाकाम रहा।
1 फरवरी की तारीख…अडानी एंटरप्राइजेज ने FPO रद्द करने का ऐलान किया। वहीं, फोर्ब्स की रिपोर्ट में कहा गया कि अडानी एंटरप्राइजेज का FPO मैनेज करने वाली 10 कंपनियों में से 2 का नाम हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट में था।
इस रिपोर्ट के बाद फोर्ब्स की अरबपतियों की सूची में गौतम अडानी तीसरे से सातवें नंबर पर पहुंच गए । फिलहाल वह आड्ठवे No पर खिसक गए हैं।
गौतम अदानी पिछले हफ्ते की शुरुआत तक दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स थे।Forbes के Real Time Billonare Index में वो दूसरे पायदान पर थे, लेकिन रिपोर्ट आने के बाद से वो 15वें नंबर पर आ चुके हैं।
रिपोर्ट के बाद…. उन्हें लगातार नुकसान हो रहा है
सिटीग्रुप (Citigroup) की वेल्थ यूनिट ने अडानी ग्रुप को बड़ा झटका दिया है। इस अमेरिकी कर्जदाता ने गौतम अडानी के ग्रुप की कंपनियों की सिक्युरिटीज को लेना बंद कर दिया है।
शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) द्वारा धोखाधड़ी के आरोपों के बाद बैंकों ने भारतीय टाइकून के फाइनेंस की जांच शुरू कर दी है।
RBI से भी झटका
बैंकिंग रेगुलेटर RBI ने आज बैंकों से रिपोर्ट मांगी है कि उनके पास अदानी ग्रुप का कितना एक्सपोजर है। यानी कि किस बैंक के पास अदानी ग्रुप का कितना कर्ज है। अदानी ग्रुप पर चल रहे संकट के बीच आरबीआई का यह कदम काफी अहमियत रखता है।
LIC को भी नुकसान
अदाणी ग्रुप के एफपीओ में करीब 33 कंपनीओ ने निवेश किया है। इसमें एलआईसी शामिल है। एलआईसी का निवेश अन्य निवेशकों से कम है। जबकि एलआईसी के पास करीब 43 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति है।
अडानी (Gautam Adani) की पांच कंपनियों में एलआईसी की 9 फीसदी हिस्सेदारी है। अब अडानी ग्रुप को हुए भारी नुकसान के वजह से एलआईसी का भी काफी नुकसान हुआ है।