ये कहानी है उन 2 भाईयों की जो 1947 में देश के बंटवारे के समय बिछड़ गए थे। गुरुदेव सिंह और दया सिंह ये दो भाई हैं जो हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में एक गांव है गोमला देश के बंटवारे से पहले ये दोनों लोग इसी गांव में रहते थे।
लेकिन जब इनके पिता की मौत हो गई तो ये दोनों भाई अपने पिता के दोस्त करीम बख्श के यहां रहने लगे।
जब देश का बंटवारा हुआ तो करीम बख्श बड़े भाई गुरदेव सिंह को अपने साथ पाकिस्तान ले गए और छोटे भाई दया सिंह अपने मामा के साथ भारत में ही रह गए।
पाकिस्तान में वो गुरुदेव सिंह से गुलाम मोहम्मद बन गए। हालंकि गुरुदेव सिंह अपने छोटे भाई से नहीं मिल पाए और दुनिया से पहले ही चले गए।
लेकिन उनके बेटे ने उनका सपना पूरा किया और अपने चाचा से मुलाकात की।