एमपी में पंचायत चुनाव होंगे। इस चुनाव में हर पंचायत अलग-अलग मुद्दों पर मतदान करेगी। ग्राम पंचायत मतमोर देवास से 40 किमी दूर है। यहां नदी में एक श्मशान है। सुनने में अजीब लग रहा है, लेकिन यही हकीकत है। बरसात के दिनों में जब पानी का बहाव आता है तो हड्डियाँ भी धुल जाती हैं। यह चुनाव से जुड़ा एक और विषय है। सरपंच पद के लिए चार प्रत्याशी मैदान में हैं और प्रत्येक अपना-अपना पक्ष मतदाताओं के सामने रख रहा है।
वैसे, जब हम श्मशान की चर्चा करते हैं, तो हमारा मन केवल श्मशान की एक मानसिक छवि बना सकता है। जहां एक शेड के नीचे सीमेंट का स्थान देखा जा सकता है। हालांकि मैटमोर का श्मशान घाट देखकर आप भी उतने ही हैरान रह जाएंगे। क्योंकि कालीसिंध नदी इस श्मशान की नींव का काम करती है। जहां तक जाने का रास्ता भी बेहद चुनौतीपूर्ण है। नदी के अंदर बने एक पुराने पत्थर के ढांचे के ऊपर लाश बिछाकर शव को जला दिया जाता है। एक बात और : शव को जलाने के लिए लकड़ी भी घर से लानी होगी। बारिश के प्रवाह में वृद्धि के परिणामस्वरूप हड्डियाँ भी धुल जाती हैं। बारिश के कारण लोगों को कभी-कभी गांव से लगभग 10 किमी दूर चंद्रकेश्वर धाम की यात्रा करनी पड़ती है।
यहां गांव की 3 हजार की आबादी है। इसमें 1700 वोटर है। गांव में अनारक्षित सीट है जिसके लिए 4 दावेदार मैदान में है। इन प्रत्याशियों में हीरा जाट व जगदीश चंद्र शर्मा के अलावा सत्यनारायण यादव और भोजराम जाट है। जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां 350 जाट, 246 यादव व बाकी अन्य वोट है। 4 प्रत्याशी में एक ऐसे है जो कुश्ती के नेशनल खिलाड़ी रह चुके है और सेलिब्रिटी जॉन अब्राहम के साथ दो दो हाथ कर चुके है। वहीं एक प्रत्याशी 80 साल के है जिन्होंने अपनी 2 बीघा जमीन धर्मशाला के लिए देने का वादा किया।
यहां हीरा जाट सरपंच पद के प्रत्याशी है। वे कुश्ती के नेशनल खिलाड़ी भी रह चुके है। वे इंदौर भीम प्रतियोगिता में 2nd आ चुके है। मध्यप्रदेश केसरी लड़ने के साथ दिल्ली, सोनीपत आदि स्थानों पर कुश्ती की कई प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुके है। उन्होंने बताया कि 2010 में वे इंदौर के विजय बहादुर व्यायमशाला में थे। उस वक्त बॉलीवुड सेलिब्रिटी जॉन अब्राहम इंदौर में अपनी फोर्स मूवी के फिल्म के प्रमोशन के लिए आए थे। उस वक्त उनकी यूनिट के लोग यहां आए थे। 6 फीट हाइट होने के चलते उनका सिलेक्शन उनसे मिलने और जोर आजमाइश के लिए हुआ था। तभी उन्होंने जॉन अब्राहम के साथ दो-दो हाथ किए थे। 2010 के बाद से ही उन्होंने कुश्ती छोड़ दी थी। अब वे गांव से सरपंच पद के लिए चुनावी मैदान में है। वे सुबह 5 बजे उठकर 15 किलोमीटर साइकिल चलाकर लोगों से जनसंपर्क कर रहे है। गांव में पानी की समस्या होने से पिछले तीन साल से अपने कुएं से टैंकर के जरिए गांव के घरों तक फ्री में पानी पहुंचा रहे है।
वहीं दूसरी तरफ जगदीश चंद्र शर्मा जो 80 साल के है और सरपंच पद के लिए मैदान में है। वे सुबह और शाम को जाकर लोगों से मिलकर प्रचार कर रहे है। उन्होंने घोषणा की है कि वे सरपंच बनने के बाद यहां श्मशान बनवाएंगे, धर्मशाला बनवाएंगे, वहीं जो पानी की समस्या है उसके लिए नल-जल की योजना भी लाएंगे। हालांकि गांव में पानी की टंकी भी बनी है और नल-जल योजना भी थी, लेकिन करीब 3 साल पहले रोड के काम के चलते पाइप लाइनें डैमेज हो गई। उन्होंने खुद को निर्विरोध चुनने पर अपनी दो बीघा जमीन पर धर्मशाला बनाने की बात कहीं थी। वे यहां अपने घर को भी लोगों को धर्मशाला के रूप में देते आए है और जो मदद हो सकती है वे करते है।