उद्धव ठाकरे की इमोशनल अपील के बावजूद महाराष्ट्र में शिवसेना अब टूट के कगार पर खड़ी है। बागी हो चुके एकनाथ शिंदे के साथ तकरीबन 40 विधायक हैं। कुछ और के जल्द उनके साथ आने की संभावना जताई जा रही है। वर्तमान में शिवसेना की जो स्थिति है उसके लिए बागी विधायकों ने उद्धव ठाकरे को जिम्मेदार बताया है।
बताया जाता है कि जब उद्धव ने शिवसेना की कमान संभाली, तो BJP नेता प्रमोद महाजन और गोपीनाथ मुंडे तक को उनसे मिलने के लिए इंतजार करना पड़ता था। यह पहली बार नहीं है जब उद्धव की वजह से पार्टी में टूट की स्थिति पैदा हुई है। इससे पहले नारायण राणे और राज ठाकरे ने भी उद्धव से नाराज होकर पार्टी छोड़ी थी। जैसे राजनीतिक जानकारों का कहना है कि उद्धव ने इन दो मौकों से सीख नहीं ली और अब तीसरी गलती की वजह से पार्टी का टूटना तय है।
मुंबई के वरिष्ठ पत्रकार धवल कुलकर्णी द्वारा राज और उद्धव ठाकरे की लाइफ पर लिखी किताब ‘ठाकरे भाऊ’ में यह बताया गया है कि कैसे उद्धव के रवैये से नाराज होकर शिवसेना के दो बड़े दिग्गजों, राज ठाकरे और नारायण राणे ने पार्टी का दामन छोड़ दिया था।
हालांकि, बाला साहब की वजह से दोनों बार पार्टी टूटने से बच गई। लेकिन इस बार नाराजगी इतनी बड़ी है कि एक तिहाई से ज्यादा विधायक और सांसद उद्धव के खिलाफ खड़े हैं।