हम सभी अपने आने वाले कल की सुरक्षा के लिए पहले से ही थोड़े थोड़े पैसे जोड़ते या इन्वेस्ट करते हैं ताकि वा कल हम सुरक्षित रखें।
वृद्ध व्यक्तियों के लिए यहां बड़ा महत्वपूर्ण हैं। वृद्ध इन्ही पर अपना जीवन गुजरते हैं। ये आज के समय वा हम सभी के लिए काफी जरूरी हैं ताकि आने वाले समय हम सर उठा के जिए।
हरदोई scam

उत्तर प्रदेश के हरदोई में वृद्धावस्था पेंशन को लेकर बड़ा खुलासा हुआ हैं। पेंशन को लेकर कराए जा रहे वेरिफिकेशन वर्क में समाज कल्याण को भारी खामी मिली।
वेरिफिकेशन के दौरान जानकारी मिली कि पेंशन का फायदा ऐसे 13 हजार से ज्यादा लोगो को मिल रही जो अब जीवित हैं ही नहीं।
सीधा मतलब हैं उनका निधन हो गया पर फिर भी पेंशन की रकम उनके अकाउंट में पहुंच रही।
45 हजार ऐसे लोग भी मिले जो अब आपने एड्रेस पर नही रह रहे। अब ऐसे लोगो की पेंशन को रोक दिया गया हैं। वेरिफिकेशन कंप्लीट होने के बाद ही उनकी पेंशन चालू होगी।
DM के निर्देश से हो रहे सत्यापन

उत्तर प्रदेश सरकार के समाज और विभाग के निर्देश पर हरदोई जिले में वृद्धा पेंशन को लेकर सत्यापन किया जा रहा।
सत्यापन के दौरान पेंशन धारकों का आधार प्रमाण कराया जाता हैं। सरकार के निर्देश के बाद जिलाधिकारी ने समाज कल्याण विभाग को सभी वृद्धा पेंशन धारकों का सत्यापन करने का निर्देश दिया था।
वापस लाई जाएगी पेंशन राशि
समाज कल्याण अधिकारी के मुताबिक, मृत पेंशनधारकों के खातों से पेंशन को वापस लाया जाएगा।समाज कल्याण विभाग की जनपद में 10 पेंशन धारक ऐसे भी मिले हैं जो अपात्र होने के बावजूद भी विभाग से पेंशन पा रहे थें।
समाज कल्याण विभाग की जनपद में 10 पेंशन धारक ऐसे भी मिले हैं जो अपात्र होने के बावजूद भी विभाग से पेंशन पा रहे थें।
ऐसे में समाज कल्याण विभाग सभी अपात्र 10 पेंशनधारकों से रिकवरी की तयारी में जुटी हैं।
समाज कल्याण अधिकारी राजमती के अनुसार, अपात्र पेंशनधारकों से रिकवरी कराई जाएगी और धनराशि वापस ना करने पर उन पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
97 हजार से अधिक पात्र मिले
समाज कल्याण अधिकारी राजमती के अनुसार जिले में 1,42,495 वृद्ध पेंशन धारक हैं। इनमे से अभी तक 97398 वृद्ध पात्र पाए गए हैं।
वहीं 45,570 पेंशन धारक सत्यापन के दौरान अपने निवास स्थान पर उपलब्ध नही मिले। वा ना ही उनके आधार कार्ड सही मिले।
समाज कल्याण विभाग के अनुसार इनमे से 13,803 पेंशन धारकों के मृत होने की भी जानकारी मिली हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव अतुल कुमार गुप्ता ने बताया कि रविवार को फर्जी दस्तावेजों के साथ पेंशन का दावा करने वाले
इन लोगो को 700 करोड़ से अधिक की पेंशन योजना के डायवर्सन की जांच शुरू हैं।
पहला पुलिस मामला मध्य उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में दर्ज किया गया हैं।
जिले में अब तक 5,020 फर्जी लाभार्धियो की पहचान की जा चुकी हैं और उनके विरूद्ध रविवार को प्राथमिकी दर्ज की गई।
जिसमे 117 गांवो के मुखिया, छह ग्राम पंचायत अधिकारी और कुछ अन्य शामिल हैं। जिले के 19 में से 14 प्रखंडो में घोटाले का पता चला हैं।
आरोपों मे भ्रष्टाचार, जालसाजी और सार्वजनिक धन की हेर फेर शामिल हैं।