कुछ साल पहले पैसों का लेनदेन कैश में होता था, लेकिन UPI के आने से ऑनलाइन ट्रांजक्शन में क्रांति आ गई। हर जगह ऑनलाइन पेमेंट के जरिए लेन देन किया जाने लगा। चाहे महंगी से महंगी चीजों की खरीददारी करनी हो या सब्जी लेना हो हर जगह UPI पेमेंट ने क्रांति ला दी।
वही अब यह खबर फैल रही है कि यूजर्स को ऑनलाइन पेमेंट के लिए यूपीआई एप को चार्ज देना होगा।ट्विटर पर #UPICharges ट्रेंड करने लगा।
आइए जानते हैं पूरी सच्चाई
हाल ही में नेशनल पेमेंट कॉरपोरेंशंस ऑफ इंडिया (NPCI) ने सर्कुलर (recommendation) जारी कर यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यूपीआई से मर्चेंट से ट्रांजक्शन पर प्रीपेड पेमेंट इंस्टूमेंट यानी पीपीआई फीस लागू करने को कहा है। इस सर्कुलर में कहा गया है कि 2000 से अधिक मर्जेटं ट्रांजैक्शन 1.1% चार्ज देना होगा.
यह बिल्कुल उसी तरह है जैसै डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के केस में होता है।
आसान भाषा में कहे तो उस व्यापारी को चार्ज देना होगा।
वही 2000 से कम के मर्चेंट पेमेंट पर इसका कोई असर नहीं होगा।
कहा जा रहा है यह चार्ज 1 अप्रैल 2023 से लागू हो जाएगा, हलाकिं इसकी समीक्षा भी की जाएगी।
NPCI ने अपने सर्कुलर में कहा है कि इस बदलाव से आम यूजर्स को कोई चार्ज नहीं देना होगा।नॉर्मल यूपीआई पेमेंट पर पेमेंट पर कोई चार्ज नहीं लगेगा। यह बिल्कुल फ्री है।
आपको बता दें कि यूपीआई के द्वारा 99.9% लेनदेन एक खाते से दूसरे खाते में होता है.
आइए जानते हैं कि इसकों लेकर फेक न्यूज कैसै फैली?
NPCI ने recommendation में पीपीआई में चार्ज लगाने की बात कही वही कई सारे यूजर्स ने इसे पूरा पढ़ना और समझना जरूरी नहीं समझा और फेक न्यूज फैल गयी, लोगों को लगा कि 1 अप्रैल से यूजर्स को 2000 से अधिक यूपीआई पेमेंट के लिए चार्ज देना होगा जिसके बाद लोगों ने ट्विटर पर अपनी भड़ास निकाली शुरु कर दिया। ट्विटर पर कई मीम्स शेयर किए जाने लगे और #UPIcharges ट्रेंड करने लगा।
वही Biplap dev यूजर ने लिखा ” 1 अप्रैल से यूपीआई मर्जेंट ट्रांजैक्शन पर 1.1% चार्ज लगेगा। यदि आप 50000 रुपए करते हैं तो 500 रुपये चार्ज देने पड़गे।
इसका कोई alternative ऑप्शन?”
हलांकि NPCI ने ट्विट करके इस कन्फ्यूजन को दूर किया। NPCI ने कहा कि UPI fast, free, secure और seamless है।
विजय शेखर शर्मा नाम के यूजर NPCI को रिट्वीट करते हुए लिखा बैंक और वॉलेट के जरिए यूपीआई पेमेंट फ्री है। कंज्यूमर्स को कोई चार्ज नहीं लगेगा, फालतू के खबर पर ध्यान न दे।