दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज उत्तर प्रदेश के वाराणसी से बांग्लादेश होते हुए असम के डिब्रूगढ़ तक रोजाना 300 डॉलर खर्च करेगा।
एमवी गंगा विलास, निजी तौर पर संचालित तीन डेक क्रूज जहाज, जिसकी लंबाई 62 मीटर और चौड़ाई 12 मीटर हैं।
इसमें 32 स्विस यात्रियों के साथ उत्तर प्रदेश के वाराणसी से रवाना होते हुए 51 दिनों बाद पूर्वी असम के डिब्रूगढ़ पहुंचने के लिए निर्धारित हैं।
एमवी गंगा विलास के यात्रा कार्यक्रम को ऐताहसिक, संस्कृतिक, धार्मिक महत्व के स्थानों पर रुकने के साथ भारत की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने के लिए तैयार किया गया हैं।
यहां क्रूज उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, और असम के कुल 27 नदी प्रणालीयों से होकर गुजरेगा। क्रूज बंगाल के भागीरथी, हुगली, विद्यावती, मलता और सुंदरबन नदियों में प्रवेश करेगा।
बांग्लादेश में, ये बांग्लादेश में मेघना, पद्दा और जमुना से होकर गुजरेगी और असम के ब्रह्मपुत्र में प्रवेश करेंगी।

एक अधिकारी के मुताबिक, 51 दिनों की क्रूज की योजना विश्व धरोहर स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों, नदी घाटों और बिहार में पटना, झारखंड के साहिबगंज, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, बंगाल में ढाका जैसे 50 पर्यटन स्थलों की यात्रा के साथ बनाई गई हैं।
22 दिसंबर को कोलकाता से रवाना हुआ गंगा विलास लग्जरी क्रूज 11 जनवरी को वाराणसी के रामनगर पोर्ट पहुंचा। खराब मौसम के कारण यहां क्रूज देरी से वाराणसी पहुंचा।
वाराणसी में 33 स्विस पर्यटको के एक समूह का बाबतपुर हवाई अड्डे पर धोबिया नृत्य के साथ स्वागत किया गया।
स्विजरलैंड के ये पर्यटक 13 जनवरी को क्रूज से असम के डिब्रूगढ़ इलाके की यात्रा करेंगे।
पीएम 13 जनवरी को एमवी गंगा विलास क्रूज यात्रा को वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर सुभारंभ करेंगे।
अड्डे पर पहुंचने के बाद पर्यटकों को रामनगर बंदरगाह ले जाया जाएगा। रामनगर के क्रूज पर सवार होकर पर्यटक शाम को रामनगर किले का दौरा करेंगे।
रामनगर किले के दौरे के बाद, वे गंगा आरती देखेंगे और रात्रि विश्राम गंगा विलास क्रूज पर करेंगे। पर्यटक समूह में 32 पर्यटक वा एक जर्मन गाइड शामिल हैं।
ये दुनिया के सबसे लंबे जलमार्ग पर यात्रा करेगा। इसमें 3 डेक हैं, 36 पर्यटकों की क्षमता वाले बोट पर 18 सुइट में सुखदायक अंदरूनी भाग हैं।
पर्यटकों के शानदार,अरमदार और यादगार की सभी सुविधाएं उपस्थित हैं। इस पर्यटक कार्यक्रम से भारत में टूरिज्म बडेगा वा भारत के विदेशो से रिश्ते भी मजबूत होंगे।
जिसमे फ्रेंच बालकनी, एलईडी टीवी, तिजोरिया, स्मोक डिटेक्टर और कन्वर्टेबल बेड जैसी कई सुविधाओ से सुजज्जित हैं।
क्रूज शिप के मुख्य डेस्क पर एक साथ 40 सीटर रेस्ट्रो, एक स्पा, और एक सुन डेक भी हैं। दूसरे यूपी पर्यटन अधिकारी ने बताया कि ऊपरी हिस्से पर एक बार भी हैं।
यहां सारनाथ के बौद्ध स्थल वाराणसी में प्रसिद्ध गंगा आरती को कवर करने के लिए पीट-स्पॉट बनाएगी।
यहां तक की असम का सबसे बड़ा नदी द्विप माजुली की भी सैर कराएगी। यात्री बिहार योग विद्यालय भी जायेंगे।
क्रूज बंगाल की डेल्टा की खाड़ी में सुंदरबन के साथ साथ काजीरंगा नेशनल पार्क से होकर गुजरेगी।
13 जनवरी को प्रधान मंत्री द्वारा हरी झंडी दिखाई देने के बाद, जहाज 50 वास्तुशिल्प रूप से महत्वपूर्ण स्थानों पर रुकेगा।
वही बंगाल से होकर गुजरेगा। यात्रा के आठवे दिन जहाज पटना पहुंचेगा और बक्सर, कोलकाता, ढाका और फिर अंत में गुवाहाटी और शिवसागर होते हुए डिब्रूगढ़ से गुजरेगा।