उन्हें अपने शुरुआती दिनों में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से रूस के सबसे ताकतवर राष्ट्रपति के रूप में अपनी पहचान बनाई है। अपने शुरूआती समय में पुतिन ने पैसे कमाने के लिए कार ड्राइवर की नौकरी भी की है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज यानी 7 अक्टूबर को 69 वर्ष के हो गए हैं। हालाँकि, इसके बाद भी उनकी फिटनेस पूरी दुनिया के लिए अजूबा है। इस आयु में उनकी चुस्ती-फुर्ती और डील-डौल के सभी कायल हैं। पुतिन की छवि एक माचो मैन की है, जिनकी घोड़े की सवारी करती या बर्फीले पानी में नहाने की तस्वीरें दुनियाभर के लोगों ने देखी है। ऐसा नहीं है कि पुतिन शुरू से ही इतने शक्तिशाली रहे हैं।
कार ड्राइवर की नौकरी भी की
उन्होंने जर्मनी में रूसी खुफिया एजेंसी KGB के जासूस के रूप में भी काम किया है। यूक्रेन पर हमले की वजह से पुतिन की छवि रूसी राष्ट्रवादियों के बीच बेहद सशक्त भी हुई है। रूस में उन्हें ऐसे राजनेता के रूप में देखा जाता है, जो नरमदिल तो है, लेकिन किसी से न तो डरता है और न ही झुकता है।रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस समय हर किसी के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं। विदेश मसलों पर पुतिन क्या सोचते हैं और कोई नीति बनाते समय उनके दिमाग में क्या चलता है, किसा को भी कुछ पता नहीं होता है। यूक्रेन के साथ जब फरवरी में रूस की जंग शुरू हुई तो अमेरिका से लेकर यूरोप की चिंताएं दोगुनी हो गईं। आज वो ऐसे राजनेता बन गए हैं जिसके बिना अंतरराष्ट्रीय राजनीति की कल्पना नहीं की जा सकती है।

आपको बता दें उनका जन्म आज ही के दिन 1952 को हुआ था। उनकी गिनती रूस के सबसे लोकप्रिय और सफल राजनेताओं में होती है। 7 मई 2012 से रूस के राष्ट्रपति पद पर आसीन हुए पुतिन को 2018 के चुनाव में 75 फीसदी से अधिक लोगों ने पसंद किया था। पुतिन साल 2000 से 2008 तक रूस के राष्ट्रपति और 2008 से 2012 तक PM भी रह चुके हैं। पुतिन ने रूसी सियासत में आने से पहले सोवियत संघ की खुफिया एजेंसी KGB के लिए काम किया था। 23 वर्ष की आयु में पुतिन KGB के लिए काम करने लगा था। KGB ने उन्हें जर्मनी के शहर ड्रेसडन में एक ट्र्रांसलेटर के पद पर नियुक्त किया। KGB में अपने काम की बदौलत व्लादिमीर पुतिन लेफ्टिनेंट कर्नल के पद तक पहुंचे थे। जर्मनी में बर्लिन की दीवार गिरने के बाद पुतिन वापस रूस आए और राजनीति में कदम रखा। उस वक़्त बर्लिन कई हिस्सों में बंटा हुआ था, जिसमें से एक को सोवियत संघ संभालता था।पुतिन ने एक बार कहा था कि साल 2000 के बाद उन्होंने सोवियत संघ के नेताओं की कोई भी किताब नहीं पढ़ी। उनका मानना था कि ऐसे लोग जिन्होंने अपनी मातृभूमि को धोखा दिया है, वो किसी काम के नहीं होते हैं। सन् 1991 में पुतिन न केजीबी से इस्तीफा दे दिया। वह सेंट पीटर्सबर्ग वापस आ गए। वह हमेशा पर्दे के पीछे रहते और एक लो प्रोफाइल नेता के तौर पर आगे आए।
रूसी राष्ट्रपति बोरिस येल्तिसन ने पुतिन को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया
सन् 1998 में तत्कालीन रूसी राष्ट्रपति बोरिस येल्तिसन ने पुतिन को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया।साल 2012 में पुतिन ने छह साल तक राष्ट्रपति का कार्यकाल अपने नाम कर लिया। तब से ही पुतिन देश के राष्ट्रपति हैं। इन 10 सालों में वह काफी ताकतवर हो चुके हैं। हालांकि यूक्रेन की जंग के बाद रूस में ही उनकी लोकप्रियता में कमी आने लगी है। पुतिन फाइटर जेट्स तक उड़ा सकते हैं और उन्हें एफ1 का भी शौक है।