क्या भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड दिवाली से पहले शुरू हो पाएगा? और आपको बताते हैं कि आखिर फ्री ट्रेड डील है क्या? ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने 21 और 22 अप्रैल को भारत का दौरा किया था। इस यात्रा के दौरान भारत और UK यानी यूनाइटेड किंगडम के बीच द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौता यानी फ्री ट्रेड डील पर बातचीत शुरू हुई हुई थी। जिसको लेकर ये अनुमान लगाया जा रहा था कि ये ट्रेड दिवाली से पहले शुरू हो सकती है लेकिन ये अब दिवाली से पहले शुरू होगा इस पर संशय बना हुआ है।
सबसे पहले आपको बताते हैं कि आखिर ये फ्री ट्रेड डील समझौता है क्या?
मुक्त व्यापार समझौता यानी (Free Trade Agreement) या फिर इसे आसान शब्दों में FTA भी कह सकते हैं दरअसल जब किन्हीं दो देशों के बीच आपस में व्यापार करने के लिए सीमा शुल्क या फिर उस पर लगने वाले टैक्स को कम या समाप्त कर दिया जाता है तो उसे फ्री ट्रेड एग्रीमेंट कहते हैं। आपको बता दें इस एग्रीमेंट के साथ देश की लेबर इंसेंटिव सेक्टर जैसे प्रोसेस्ड एग्रो, लेदर, टेक्सटाइल और ज्वेलरी प्रोडक्ट्स को भी बहुत बढ़ावा मिलेगा। इससे देश में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। ध्यान देने वाली बात ये है FTA एक इंटरनेशनल कानून है जिसके मुताबिक दो या दो से अधिक देश एक दूसरे के बीच व्यापार को बढ़ाने के लिए इंपोर्ट-एक्सपोर्ट की दिक्कतों को दूर करने की कोशिश करते हैं। इसके लिए उनके बीच में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट साइन होता है।
भारतीय प्रवासियों की बढ़ जाएगी ब्रिटेन में भीड़
लेकिन अब ये एग्रीमेंट बयानों के चक्रव्यूह में फंसता हुआ नजर आ रहा है। दरअसल ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने भारत और ब्रिटेन के बीच होने वाले मुक्त व्यापार समझौते का कड़ा विरोध किया था।

ब्रिटिश मैगजीन स्पेक्टेटर को दिए एक इंटरव्यू में ब्रेवरमैन ने कहा था कि ब्रिटिश लोगों ने ब्रेग्जिट से हटने के लिए इसलिए वोट नहीं किया था कि भारतीयों के लिए ब्रिटेन की सीमा इस तरह से खोल दिया जाए। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रवासी ब्रिटेन में अपनी वीजा अवधि से ज्यादा समय बिताते हैं। इस डील से ब्रिटेन में भारतीयों की भीड़ बढ़ जाएगी। यानी उनके कहने का मतलब ये था कि अगर ये एग्रीमेंट होता है तो ब्रिटेन में भारतीयों की तादात काफी बढ़ जाएगी और भारतीय अपने वीजा के तय समय से ज्यादा ब्रिटेन में बिताते हैं।
भारत ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
जिसके बाद ब्रिटेन की गृह मंत्री की टिप्पणी पर भारत ने भी प्रतिक्रिया दी। केंद्र सरकार ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच वीजा और प्रवास से संबंधित बातचीत चल रही है।

अभी इस तरह के बयान का कोई औचित्य नहीं बनता है। भारत ने यह भी कहा था कि भविष्य में कोई भी समझौता दोनों तरफ के हितों को देखते हुए किया जाएगा।
ब्रिटेन ने किया साफ दिवाली तक नहीं हो पाएगी डील
तो वहीं इस एग्रीमेंट को लेकर ब्रिटेन की ट्रेड सेक्रेटरी केमी बेडेनोच ने भी ये साफ कर दिया है कि दिवाली की डेडलाइन तक एफटीए को अंतिम रूप देना अब मुश्किल है। उन्होंने कहा कि भारत के साथ जिस सौदे को अंतिम रूप दिया जा रहा है वह उद्योग जगत के लिए बड़ी जीत होगी क्योंकि इसके तहत स्टीप टैरिफ का 150 प्रतिशत तक घटाया जाना तय है। बीबीसी के साथ बातचीत में बेडेनोच ने कहा है कि हम मुक्त व्यापार समझौता यानी FTA के करीब है, हम FTA के मसौदे पर अब भी काम कर रहे हैं। हालांकि एक चीज जो बदली है वह यह है कि अब हम FTA पर हस्ताक्षर के लिए दिवाली को डेडलाइन मानकर काम नहीं कर रहे हैं। बेडेनोच ने कहा है कि समझौते के कई मसौदों को अंतिम रूप दे दिया गया है। बातचीत अच्छी चल रही है। पर हम डील को तेजी से निपटाने की तुलना में अच्छी डील हो उसपर फोकस कर रहे हैं।
भारत-यूके के बीच 50 बिलियन डॉलर का फिलहाल होता है ट्रेड
आपको बता दें भारत और ब्रिटेन के बीच फिलहाल 50 बिलियन डॉलर का ट्रेड हो रहा है जिसे बढ़ाकर 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है। भारत और ब्रिटेन का ट्रेड अधिकतम सर्विस सेक्टर पर निर्भर करता है जो कि कुल ट्रेड का 70% हिस्सा है। भारत यूके का 12 वां सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। तो वहीं भारत का यूके 7वां सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। ऐसे में दोनों देश FTA के जरिए व्यापार में होने वाली परेशानी को दूर करके अपनी आर्थिक ग्रोथ में तेजी लाना चाहते हैं। लेकिन अब देखना ये दिलचस्प होगा कि भारत ब्रिटेन के गृह मंत्री के बयान के बाद अब ये एग्रीमेंट कब साइन करता है।