आप चाहे रेगिस्तान में हों या पहाड़ों पर, चाहे गांव में हों या शहरों में, टाटा ग्रुप की कोई न कोई चीज आपको अपने आसपास जरूर दिखेगी। फिर चाहे वह नमक, चाय हो या फिर ट्रक, बस या गहने…टाटा ग्रुप एक ऐसा समूह है, जिसकी खासियत ही यही है कि यह हर किसी से जुड़ा है। इसकी पहुंच गरीब से लेकर अमीर तक है। देश में शायद ही कोई ऐसा घर हो, जहां टाटा की कोई चीज मौजूद न हो।

1991 में Tata Group की बागडोर संभालने के बाद रतन टाटा ने लंबे समय तक अपनी काबिलियत के दम पर कारोबार में काफी तरक्की की. रतन Tata ने Tata Sons के चेयरमैन रहते हुए हर कंपनी को मुनाफे वाली कंपनी बनाने का काम किया.

हालांकि उन्होंने 2012 में Tata Sons के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था और कमान उनके साइरस मिस्त्री के हाथ में आ गई थी, लेकिन विभिन्न मुद्दों के चलते बोर्ड ने 2016 में मिस्त्री को पद से हटाने का मन बना लिया था और उनके जाने के बाद, रतन टाटा ने फिर से समूह की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले ली.

आईटी सर्विसेज में टाटा समूह, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) की मदद से परिचालन करता है। टीसीएस की अगुवाई में ग्रुप की आईटी कंपनियां पूरी दुनिया में ऑपरेशनल हैं। टाटा ग्रुप की आधे से ज्यादा वर्कफोर्स टीसीएस से जुड़ी है। यह शेयर बाजार में लिस्टेड है और मार्केट कैप के लिहाज से भारत की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है।

टाटा समूह की टाटा Elxsi डिजाइन व टेक्नोलॉजी सर्विसेज में दुनिया की दिग्गज प्रोवाइडर्स में शामिल है।

टाटा ग्रुप की कंपनियों के काम-काज को संभालने की बात करें तो समूह की कंपनी या उद्यम अपने स्वयं के निदेशक मंडल के मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण के तहत स्वतंत्र रूप से संचालित होता है. भले ही उम्र के इस पड़ाव पर आने के उन्होंने कारोबार में सक्रिय रूप से भागीदारी से किनारा कर लिया है. लेकिन टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन पद की जिम्मेदारी अभी भी रतन टाटा के पास है.

वहीं ट्रस्ट में विजय सिंह और मेहली मिस्त्री समेत अन्य ट्रस्टी शामिल हैं. टाटा ग्रुप में हाल ही में नई पीढ़ी की भी एंट्री हुई है. बीते दिनों टाटा ग्रुप की सब्सिडियरी टाटा मेडिकल सेंटर ट्रस्ट, के बोर्ड ने रतन टाटा के भाई नोएल टाटा के तीनों बच्चों को शामिल किया गया है. इनमें लिया, माया और नेविल के नाम शामिल हैं.

टाटा समूह वर्ष 1903 में ताजमहल होटल की स्थापना के बाद से यात्रा, आतिथ्य और पर्यटन उद्योग में रहा है. टाटा समूह इस क्षेत्र में भारतीय होटल कंपनी के माध्यम से काम कर रहा है. इसके अलावा एयर इंडिया भी टाटा समूह के नियंत्रण में आ गई है, इस एयरलाइन कंपनी की शुरुआत टाटा एयरलाइंस के नाम से की गई थी. 1956 में एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण किया गया और यह सरकार के पास गई.