ये तो हम सभी को मानना ही होगा की भाई और बहन के बीच एक अनोखी समझ होती है। वे एक-दूसरे के सबसे अच्छे दोस्त हैं, एक-दूसरे के रक्षक हैं और एक-दूसरे के प्रशंसक हैं। वहीँ वो एक-दूसरे से बिना कोई शर्त के ही प्यार करते हैं।
सच में भाई-बहन के बीच के भावनाओं और प्यार को समझ पाना काफी मुश्किल है। वैसे तो बहुत से ऐसे विशेष दिन या अवसर हैं जो भाई और बहन के बीच प्यार को मजबूत करने के लिए समर्पित हैं। लेकिन इसमें भैया दूज सबसे अनोखा पर्व है। इस अद्भुत त्योहार पर जहां बहनें अपने प्यारे भाई की लंबी उम्र कल्याण और समृद्धि के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं, वहीँ भाई भी अपनी बहन की खुशहाली की प्रार्थना भगवान से जरुर करता है।

क्या आपको पता है भाई दूज क्यों मनाया जाता है ?
आपको बता दें भाई दूज मनाने के पीछे पौराणिक मान्यता और कथा है शायद आप में से हर कोई ये तो जानता होगा अगर नही पता तो हम आपको बताते हैं?
दरअसल इसी तिथि के दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर भोजन करने के लिए निकलते है और नरक के सभी जीवों को मुक्त कर देते हैं। यमराज के घर पहुंचते ही यमराज को अपने द्वार में देख यमुना की खुशी का ठिकाना नही रहता और वह सबसे पहले स्नान करके यमराज को तिलक करके भोजन कराती है। जिसके बाद यमुना ने उनसे कहा कि इस दिन जो बहन मेरी तरह अपने भाई का आदर, सत्कार और टीका करके भोजन कराए उसे तुम्हारा भय न रहे। और फिर यमराज ने उन्हें ये आशीर्वाद दिया तब से ही भाईदूज मनाया जाता है।

यही नहीं इस दिन एक और भी पावन त्यौहार मनाया जाता है दरअसल ब्रह्मा जी के मानस पुत्र और यमराज के सहयोगी भगवान चित्रगुप्त का भी पूजन किया जाता है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार चित्रगुप्त ब्रह्मा जी के मानस पुत्र हैं। कहते हैं किसी भी प्राणी के पृथ्वी पर जन्म से लेकर मृत्यु तक उसके कर्मों को अपने पुस्तक में लिखते रहते हैं, उनकी लेखनी के आधार पर ही व्यक्ति को स्वर्ग और नर्क की प्राप्ति होती है। आपको बता दें चित्रगुप्त कायस्थ समाज के ईष्ट देवता माने जाते हैं और कायस्थ समाज के लोग इनकी पूजा बहुत धूम धाम और बड़ी ही श्रद्धा के साथ करते हैं।