न के कब्जे वाले तिब्बत के ल्हासा में बना दुनिया का हाइएस्ट एल्टीट्यूड डेटा सेंटर, 31 अक्टूबर से शुरू हो चुका है। यह खबर सामने आते ही एनालिस्ट्स और ह्यूमन राइट्स एक्सपर्ट्स में डर पैदा हो गया है।

उनका मानना है कि सेंटर के जरिए तिब्बतियों की निगरानी और पुलिसिंग बढ़ सकती है, क्योंकि इस सेंटर ने तिब्बतियों के ब्लड सैंपल इकट्ठे कर लिए हैं।
हालांकि, चाइना डेली के मुताबिक यह सेंटर रीजनल लेवल पर बिग डेटा कलेक्शन और एप्लिकेशन शेयर करने बनाया गया है।

3,656 मीटर की ऊंचाई पर बने बिग डेटा सेंटर का मुख्य कार्यालय ल्हासा में है। जिसमें 3,000 रैक हैं। सेंटर, तिब्बत ऑटोनॉमस रीजन (TAR) में 491 सिस्टम्स के लिए क्लाउड सर्विस दे रहा है, जिसमें 25 डेटा इंटरफेस और 433 मिलियन डेटा कलेक्ट किए गए हैं।

इस सेंटर को शंघाई, सिचुआन और झेजियांग शहरों के A लेवल स्टैंडर्ड के मुताबिक बनाया गया है। यह सेंटर 2017 में बनना शुरू हुआ था और 3 साल यानी 2020 में बनकर तैयार हो गया था। तिब्बत निंगुआन टेक्नोलॉजी ग्रुप डेटा सेंटर का संचालन कर रही है।

चाइनीज मीडिया मुताबिक शिनहुआ न्यूज एजेंसी के मुताबिक यह डेटा सेंटर गवर्नमेंट अफेयर्स, इकोनॉमिक डेवलपमेंट, सोशल गवर्नेंस, लोगों की आजीविका, मार्केट सुपरविजन, फाइनेंस, बॉर्डर, इमरजेंसी फायर कंट्रोल और कल्चरल टूरिज्म समेत डिजिटल सर्विस को बढ़ावा देगा।

दो साल पहले चीन ने भी कहा था कि यह सेंटर पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश जैसे दक्षिण एशियाई देशों से डेटा इकट्ठा करने के लिए चीन का गेटवे होगा। हालांकि मानवाधिकार विशेषज्ञ इस बात से सहमत नहीं हैं।

उनका मानना है कि इस सेंटर से तिब्बतियों की आजादी को खतरा है। सितमबर 2022 में न्यूयॉर्क के ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) ने कहा था कि चीनी अधिकारी तिब्बत ऑटोनॉमस रीजन (TAR) में कई कस्बों और गांवों के लोगों का मनमाने ढंग से डीएनए कलेक्ट करके पुलिसिंग में बढ़ोतरी कर रहे हैं।

HRW ने यह भी कहा था कि पुलिस को किसी क्रिमिनल कंडक्ट के लिए किसी सबूत की जरूरत नहीं है, लेकिन फिर भी ऐसा करना समझ के बाहर है। अप्रैल 2022 में ल्हासा नगर पालिका की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि DNA कलेक्शन के लिए किंडरगार्टन में बच्चों और लोकल लोगों का ब्लड सैंपल लिए जा रहे थे।

ह्यूमन राइट्स वॉच में चीन की निदेशक सोफी रिचर्डसन ने कहा, “चीन सरकार पहले से ही तिब्बतियों का व्यापक दमन कर रही है। अब अधिकारी सचमुच अपनी सर्विलांस कैपेबिलटीज को मजबूत करने के लिए बिना परमिशन ब्लड सैंपल ले रहे हैं।”