जिन वृद्धों को उनके अपनो ने दर दर की ठोकर खाने को छोड़ दिया उनके लिए एम. ए. यूसुफ अली (M.A. Yusuff Ali) एक फरिश्ता बनकर आए।उन्होने
लुलु मॉल (Lullu Mall) की आधारशिला रखने के साथ साथ उन्होंने इन बुजुर्गों की छत की भी आधारशिला रखी ।
जिनके पास सिर छुपाने को छत नहीं थी उनके लिए एम.ए. यूसुफ अली(M.A. Yusuff Ali) ने ऐसा आलीशान महल बनवा दिया जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है।
आधुनिक सुविधाओं से लैस है यह भवन
एम.ए.युसुफ अली(M.A. Yusuff Ali) ने गांधीभवन की महिलाओं के लिए तीन मंजिला वृद्धाश्रम स्थापित कराया । 40,000 वर्गफुट में बने इस भवन में आधुनिक सुविधाएं हैं और इसमें 300 लोगों के रहने की व्यवस्था है । ये तीन मंजिला भवन 15 करोड़ रुपये में तैयार हुआ है ।
आपको बता दें कि पिछले हफ्ते ही इसका उद्घाटन कराया गया ।
तीन वर्षों से बन रहे नए भवन का उद्घाटन भी अनूठा रहा । इस भवन का उद्घाटन केयर होम की ही तीन वृद्ध माताओं द्वारा किया गया । इसमें किसी राजनेता या जानी मानी हस्ती को आमंत्रित नहीं किया गया था ।
अरबपति एम.ए. यूसुफ अली द्वारा बुजुर्गों के लिए बनाए गए इस घर में सभी सुविधाएं हैं। रहने की सभी सुविधाओं से लैस इस भवन में साइड-रेल बेड, फर्नीचर, दो लिफ्ट, एक प्रयोगशाला, फार्मेसी, पुस्तकालय, प्रार्थना कक्ष, भोजन कक्ष, एक डॉक्टर का परामर्श कक्ष और आधुनिक waste management जैसी सुविधाएं मौजूद हैं।
लुलु समूह के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एम.ए यूसुफ अली Yusuffali M A के इस नेक काम की जमकर तारीफ भी हो रही है ।
उन्होंने सितंबर 2016 में तिरुवनंतपुरम में अपने प्रस्तावित मॉल की आधारशिला रखने के बाद पठानपुरम, कोल्लम में वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों के लिए बनाए गए आश्रम का दौरा किया था । उसके बाद से उनका यहां अक्सर आना जाना होता है ।

उनकी स्थिति जानकार यूसुफ अली ने यह दरियादिली दिखाई है। इसके साथ ही वह यहां रहने वाले बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान भी रखते हैं ।
दुखभरी वृद्धाश्रम बुजुर्गों की कहानी सुनकर लुलु मॉल (Lullu Mall) के मालिक एम.ए. यूसुब अली(M A Yusuf Ali) ने बची हुई जिंदगी आराम से जीने की दी आस।
खाड़ी और दुनिया के अन्य हिस्सों में 255 स्टोर और शॉपिंग मॉल चलाने वाले यूएई के व्यवसायी अरबपति एम.ए. यूसूफ अली(M A Yusuf Ali) ने जब गांधीभवन नामक इस आश्रम का दौरा किया तो उन्हें ये बात परेशान करने लगी कि आखिर कैसे, बच्चे इन बुजुर्ग माओं को यहां अनाथ छोड़ जाते हैं ।
वह इस बात को समझ नहीं पाए कि कैसे इन वृद्ध माताओं को उनके अपने बच्चे एक बेसहारा की तरह छोड़ देते है । इस बात ने उन्हें बहुत परेशान किया ।
इसके बाद वह समय समय पर गांधीभवन का दौरा करने लगे । इस दौरान यूसुफ अली ने यहां रहने वालों की चिकित्सा, भोजन और अन्य आवश्यकताओं के लिए भी बहुत मदद की । यहां रहने वाली बुजुर्ग महिलाओं और बच्चों की चिकित्सा, भोजन और कपड़ों की जरूरत को पूरा करने के लिए यूसुफ अली ने लगभग 7.5 करोड़ रुपये की मदद की ।
बुजुर्गों को अच्छा जीवन देने के लिए यह कदम
यूसुफ अली ने इस नए भवन के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि, “वृद्ध माता-पिता की देखभाल की जिम्मेदारी उनके बच्चों पर होती है । गांधीभवन की केवल 15 महिलाएं अविवाहित हैं ।
शेष महिलाओं के बड़े हो चुके बच्चे थे, जिन्होंने उन्हें छोड़ दिया था । मैंने नई सुविधा का निर्माण किया ताकि उनके अंतिम दिन एक अच्छी जगह व्यतीत हों ।.”